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समदडी भीलडी ब्रॉडगेज रेल लाईन के रेल विकास मे बाधक है रेल अधिकारी

*समदडी भीलडी ब्राडगेज लाईन पर जालोर जिले के  रेल विकास में रेल अधिकारी बन रहे बाधक*

मोदरान न्यूज
*जेजे राजपुरोहित*
18-07-2016
*साभार राजस्थान पत्रिका जालोर न्यूज|*
           उत्तर-पश्चिम रेलवे के तहत समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड के तहत जालोर जिला मुख्यालय समेत इस रेल खंड के 22 स्टेशनों को यात्री सुविधाओं के नाम पर कुछ भी राहत अभी मिलने की आस नहीं है। जानकारी के अनुसार समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड में जालोर एक मात्र जिला मुख्यालय है। जबकि इस रूट का सीधा जुड़ाव गुजरात राज्य से होता है। वर्ष 2010 में यात्री टे्रनों का संचालन हो जाने के बाद से इस रेल खंड में यात्री सुविधाओं की मांग उठती आ रही है, लेकिन रेलवे के अधिकारी इस मामले में बार-बार आश्वासन ही देते आ रहे है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं मिल पा रहा है। जब भी रेल संगठनों और आमजन की ओर से इस रेल खंड में यात्री सुविधाओं के विस्तार के बारे में जानकारी चाही गई है तो रेलवे के अधिकारी इस मामले में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए हैं। हाल ही में सूचना के अधिकार के तहत यात्री सुविधा के विस्तार और टे्रनों के फेरे बढ़ाए जाने के बारे में  युवा यात्री गाड़ी संघर्ष समिति के अध्यक्ष की ओर से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी चाही गई तो रेलवे के अपर महाप्रबंधक एवं अपील अधिकारी ने कुछ इस प्रकार के लिखित में जवाब पेश किए।
*गोलमाल मिले जवाब*
यह पहला मौका नहीं है, जब उत्तर पश्चिम रेलवे के आला अधिकारियों ने समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड में यात्री सुविधा के विस्तार से इनकार किया है। लगभग हर प्रश्न पर अधिकारियों ने रेलवे बोर्ड का अधिकार क्षेत्र बताते हुए सुविधा विस्तार से इनकार किया है।
*सवाल १ : उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा पिछले दो वर्षों से रेलवे बोर्ड को नई टे्रनों के लिए क्या प्रस्ताव भेजे गए?*
*सवाल २ : जालोर-फालना नया रेल खंड का सर्वे कब तक पूरा होगा, सर्वे का कार्य किस अधिकारी द्वारा किया जा रहा है?*
*सवाल ३ : सांचौर, सुईगांव, राधनपुर नया रेल खंड का सर्वे हुआ या नहीं?*
*सवाल ४ : जोधपुर डिविजन से 2013-14, 2014-15, 2015-16   में आपके पास नई ट्रेनों का या विस्तार के संबंध में जो प्रस्ताव भेजे थे, उसके बारे में जानकारी दें।*
*जवाब: ऊपर के चारों सवालों के जवाब पर रेलवे की ओर प्रत्युत्तर दिया गया कि प्रश्नों में चाही गई जानकारी व वांछित दस्तावेज गोपनीय होने की वजह से उपलब्ध नहीं करवाए जा सकते। (ऊपर दिए गए चारों सवालों का जवाब यह एक ही दिया गया)*
*सवाल:  हर बार जोधपुर डिविजन से नई टे्रन वाया फालना, आबूरोड से चलाई जाती है, जबकि समदड़ी-भीलड़ी होकर नहीं चलाई जाती इसका क्या कारण है?*
*जवाब: कोई भी नई गाड़ी चलाना रेलवे बोर्ड का क्षेत्राधिकार है।*
*सवाल : बीकानेर-दादर टे्रन को रेगुलर क्यों नहीं किया जा रहा है?*
*जवाब:  बीकानेर-दादर टे्रन को रेगुलर करने के लिए अतिरिक्त रैक और लोको पायलट की आवश्कयता के साथ साथ रेलवे बोर्ड की स्वीकृति जरुरी है।*
*सवाल : जोधपुर-गांधीधाम टे्रन जोनल में आती है। इस टे्रन को जोधपुर की जगह जयपुर, दिल्ली, हरिद्वार तक यात्री भारत के बावजूद क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है?*
*जवाब : जोधपुर-गांधीधाम टे्रन का प्राथमिक अनुरक्षण जोधपुर में होता है। इसलिए इस टे्रन को दिल्ली, हरिद्वार तक विस्तार नहीं किया जा सकता।*
*सवाल : भारी यात्री भार के बावजूद जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर से वाया समदड़ी-भीलड़ी खंड होते हुए रामेश्वर या कन्याकुमारी तक टे्रन क्यों नहीं चलाई जा रही?*
*जवाब : लंबी दूरी की टे्रन के प्रश्न पर रेलवे के अधिकारी का जवाब था कि किसी भी नई टे्रन को चलाने को चलाने का क्षेत्राधिकार रेलवे बोर्ड के पास है। इसलिए टे्रन चलाना संभव नहीं है।*
*सवाल : बाड़मेर, यशवंतपुर टे्रन को यशवंतपुर की जगह मैसूर तक सप्ताह में  तीन दिन क्यों नहीं चलाया जाता?*
*जवाब : लंबी दूरी की टे्रन के प्रश्न पर रेलवे के अधिकारी का जवाब था कि किसी भी नई टे्रन को चलाने को चलाने का क्षेत्राधिकार रेलवे बोर्ड के पास है। इसलिए टे्रन चलाना संभव नहीं है।*
*मोदरान न्यूज*
जिलेवासियों के प्रति  नकारात्मक रुख
रेलवे के अधिकारी  रेल खंड में यात्री सुविधाओं के विस्तार की मांग को लंबे समय से इनकार करते आ रहे है। ब्रॉडगेज के बाद इस रेल खंड में यात्री गाडिय़ों का संचालन शुरू हुए 6 वर्ष हो चुके है, लेकिन सुविधाएं कुछभी नहीं है।
*- हीराचंद भंडारी, अध्यक्ष, युवा यात्री गाड़ी संघर्ष समिति*
रेलवे बोर्ड का अधिकार क्षेत्र
मंडलों से विभिन्न डिमांड्स आती रहती है। हैडक्वार्टर के अधिकारी क्षेत्र में होने वाली मांगों पर अमल करते हैं, लेकिन जो मांगे बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में है। उनमें कुछ नहीं कर सकते।
*- अरविंद कुमार, अपर महाप्रबंधक एवं अपील अधिकारी, एनडब्ल्यूआर, जयपुर*

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