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जीएसटी के बाद रेल यात्रियों को भी परेशानियां बढ़ेगी एसी क्लास का सर्कुलर टिकट बंद BP बीपीटी टिकट भी बंद होगा

जीएसटी के बाद रेल यात्रीयो की परेशानी बढेगी
ट्रेन की एसी क्लास का सुर्कलर टिकट बंद

Modran News
26-06-2017

   


मोदरान न्यूज. जीएसटी का असर रेल यात्रियों पर भी पड़ेगा। जीएसटी लागू हो जाने के बाद ट्रेन के एसी की यात्रा के दौरान बनाए जाने वाले सर्कुलर टिकट की व्यवस्था बंद हो जाएगी। इसके लिए ऐसे यात्रियों को अपनी पूरी-यात्रा के अलग-अलग टिकट बनवाने होंगे। यह आदेश सभी रेल मण्डलों को जारी कर दिए गए हैं। दरअसल एक साथ कई स्थानों पर यात्रा में जाने वाले यात्री सर्कुलर टिकट बनवाकर यात्रा करते हैं, जिससे उनका समय और पैसा दोनों की बचत होती है। 
लेकिन एक जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी के बाद ऐसे यात्रियों को इस सिस्टम का उपयोग करना अब महंगा पड़ेगा, हालांकि एसी श्रेणी के सर्कुलर टिकट बनवाकर यात्रा करने वाले पैसेंजरों की संख्या कम है। 
हालांकि जीएसटी से स्लीपर कोच पर यात्रा करने वाले यात्रियों पर कोई फर्क नहीहं पड़ेगा, लेकिन एसी के यात्रियों के लिए यह सुविधा बंद हो जाएगी, इसके अलावा अब यूटीएस से वातानुकूलित श्रेणी का टिकट जारी नहीं होगा, हालांकि यह विशेष सुविधा केवल पुलिस व मिलिट्री वारंट और एमएलए के ट्रेवल कूपन पर ही मिलती थी। एक जुलाई से इसे भी बंद किया जा रहा है।

क्या सर्कुलर टिकट

सर्कु लर टिकट में शुरूआत और आखिरी का स्टेशन एक ही होना चाहिए। सर्कुलर टिकट में कोई भी यात्री एक साथ कई स्थान पर जाने का टिकट बनवा सकता है। इससे यात्री को अलग-अलग टिकट बनाने की अपेक्षा कम किराया लगता है। इसके साथ ही यात्री को टिकट के लिए बार-बार परेशान नहीं होना पड़ता। सर्कुलर टिकट में प्रारंभिक और अंतिम स्टेशन एक ही होना जरूरी था। जैसे कि आप को बिलासपुर से पुरी, पुरी से दो दिन बाद चैन्नई , चैन्नई से बैंगुलुरू होते ही एक सप्ताह बाद बिलासपुर लौटना है, तो आप स्टेशन के आरक्षण केंद्र में जाकर एक ही फार्म पर सुर्कलर टिकट बनावा सकते हैं। उसी एक टिकट पर आप की पूरी यात्रा हो जाएगी। 

बीपीटी भी होगा बंद

रेलवे की बीपीटी(ब्लैंक पेपर टिकट) सुविधा भी बंद हो रही है। यह टिकट यूटीएस काउंटर से ऐसे स्टेशनों के लिए जारी होते थे, जहां टिकटिंग की सुविधा नहीं थी। बताया जा रहा है कि इस सिस्टम के कारण रेलवे को हिसाब-किताब में परेशानी होती थी। सॉफ्टवेयर में ऐसे टिकटों से मिली आय को रिकार्ड नहीं कर पाते थे। 

जोन में अब तक नहीं बना अनुभाग

जीएसटी एक जुलाई से लागू हो रहा है। इसका असर रेलवे पर भी नजर आएगा। नई व्यवस्था में लोगों को परेशानी से बचने के लिए लगभग सभी जोन और डिवीजन में अलग से अनुभाग बनाए गए हैं, लेकिन एसईसीआर में अभी तक यह व्यवस्था नहीं हो पाई है, इसके अलावा कमर्शियल इंस्पेक्टर्स, सुपरवाइजर्स, लिपिक व टिकट निरीक्षकों को इस संबंध में ट्रेनिंग या जानकारी नहीं दी गई है। रेलवे के ज्यादातर मैदानी अमले को जीएसटी के बारे आधी-अधूरी जानकारी है। ऐसे में इसके लागू होते ही उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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