मानवता शर्मसार: बेटी की लाश कंधे पर उठाकर 2 किलोमीटर तक चला पिता
Modran News
JJ RAJPUROHIT
ओडिशा के कालाहांडी की वह तस्वीरें शायद सब के जहन में आज भी जीवित होगी, जब दाना मांझी नाम के एक आदिवासी व्यक्ति को अपने पत्नी की लाश को अपने कंधे पर उठाकर 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा था, क्योंकि लाश को उसके गांव ले जाने के लिए सरकारी अस्पताल से उसे एंबुलेंस की मदद नहीं दी गई. ठीक ऐसी ही घटना इस बार बिहार की राजधानी पटना से सटे फुलवारीशरीफ में देखने को मिली है.
रामबालक नाम का एक आदिवासी अपनी बेटी का इलाज कराने के लिए जमुई से मंगलवार को पटना के एम्स पहुंचा. रामबालक, जो जमुई में मजदूरी करता है और बेहद गरीब है, अपनी पत्नी संजू के साथ बेटी रोशन का इलाज कराने के लिए एम्स आया मगर बिहार के इतने बड़े अस्पताल में पहुंचने के बाद रामबालक के साथ जो हुआ उसकी वजह से उसकी बेटी की मौत हो गई.
आइए आपको बताते हैं कि आखिर रामबालक के साथ एम्स में क्या हुआ और किस तरीके से मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई. अपनी बीमार बेटी के साथ एम्स पहुंचने के बाद वहां खड़े गार्ड ने उसे बेटी का पंजीकरण कराने के लिए कहा. इतने बड़े अस्पताल में पहुंचने के बाद रामबालक को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उसे पंजीकरण कहां करवाना है और कैसे करवाना है. इस वजह से वह एक काउंटर से दूसरे काउंटर तक भटकता रहा. रामबालक अस्पताल में धक्के खाते रहा और अपनी बीमार बेटी का हवाला देता रहा मगर उसके बावजूद भी कोई डॉक्टर या अस्पताल का कर्मचारी उसकी मदद करने के लिए सामने नहीं आया.
आखिरकार, जब रामबालक को समझ में आया कि पंजीकरण कराने के लिए उसे कौन से काउंटर पर खड़ा होना है तो वह वहां जाकर लाइन में लग गया मगर जब तक उसका नंबर आया उसे बताया गया कि ओपीडी का समय समाप्त हो गया है और वह अगले दिन आए. इसी दौरान रामबालक की बेटी की हालत और बिगड़ गई और अस्पताल के अंदर ही उसकी मौत हो गई.
मगर इतने पर भी रामबालक की मुसीबतें कम नहीं हुई. गरीबी की वजह से अपनी बेटी की लाश को एंबुलेंस से घर ले जाने के पैसे भी उसके पास नहीं थे और अस्पताल ने भी उसकी कोई मदद नहीं की.
आखिरकार, रामबालक ने अपनी बेटी की लाश को अपने कंधे पर उठाया और अपनी पत्नी के साथ 2 किलोमीटर तक चलता हुआ फुलवारीशरीफ टेंपो स्टैंड पहुंचा और वहां से वह किसी तरीके से पटना रेलवे स्टेशन आया. उसके बाद ट्रेन पकड़ कर अपनी बेटी की लाश के साथ वापस जमुई चला गया.
इस घटना ने एक बार फिर से मानवता को शर्मसार कर दिया है और बताया है कि किस तरीके से मानव समाज संवेदनाहीन होता जा रहा है..
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