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रेल टिकट गुम हो जाने पर भी ट्रेन में कर सकते हैं सफर, जानें रेलवे के 7 ऐसे नियम

रेल टिकट गुम हो जाने पर भी ट्रेन में कर सकते हैं सफर, जानें रेलवे के 7 ऐसे नियम


J J MODRAN
Ahmedabad News
[23-05-2018]

अहमदाबाद :
ट्रेन में अगर आपने रिजर्वेशन कराया है और आपकी ट्रेन मिस हो गई है. ऐसा कई लोगों के साथ हुआ होगा…फिर ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता होगा कि अह वो क्या करें. यहां हम आपको कुछ ऐसे ही नियम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको जानना बहुत जरूरी है. आपने ट्रेन मिस कर दी है तो TTE आपकी सीट अगले दो स्टेशन तक किसी को जारी नहीं कर सकता. यानी आप अगले स्टॉप से भी ट्रेन पकड़कर अपनी सीट पर बैठ सकते हो. इसी तरह टिकट गुम होने के बाद भी आप ट्रेन में सफर कर सकते हैं. रेलवे के कई ऐसे नियम हैं, जिनकी जानकारी सभी लोगों को नहीं. आज हम ऐसे ही नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं.

दो स्टेशन तक आपकी सीट किसी को अलॉट नहीं होती

दो स्टेशन और तय टाइम लाइन खत्म होने के बाद TTE आपकी सीट RAC लिस्ट के किसी यात्री को अलॉट कर सकता है. ट्रेन मिस होने पर आप TDR फाइल कर सकते हैं. इससे आपको बेस फेयर का 50% तक अमाउंट रिफंड हो जाएगा. आपकी जर्नी 200km तक की थी तो आपको बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन छूटने के 3 घंटे के भीतर आपको टिकिट कैंसिल करनी होगी. जर्नी 201 से 500km है तो 6 घंटे में अप्लाई कर सकते हैं. वहीं जर्नी 500km से ज्यादा की है तो 12 घंटे में अप्लाई कर सकते हैं.

टिकट गुम हो जाने पर भी ट्रेन में कर सकते हैं सफर

यदि आपकी टिकट गुम हो गई है तब भी आप जर्नी कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपने बोर्डिंग स्टेशन पर चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर को डुप्लीकेट टिकट इश्यू करने की एप्लीकेश्न देना होगा. इसके साथ में आपको अपने आइडेंटिटी कार्ड की फोटोकॉपी भी लगानी होगी.

यह प्रॉसेस आपको जर्नी शुरू होने के 24 घंटे पहले करना होगी. इंस्पेक्शन के बाद नॉमिनल चार्ज लेकर आपको टिकट इश्यू कर दी जाएगी. ऐसे में यदि आपको ओरिजिनल टिकट मिल जाता है तो आप डुप्लीकेट टिकट की प्रॉसेसिंग फीस वापस लेने के लिए क्लेम कर सकते हैं.

पक्षी को यात्री कोच में नहीं रख सकते

यदि आप किसी पक्षी को ट्रेन में लेकर यात्रा कर रहे हैं तो उसे रेग्युलर कोच में नहीं रख सकते. रेलवे पक्षी को मालभाड़ा की श्रेणी में रखता है, इसी कारण पक्षी को लगेज वैन में रखा जाता है. सफर के दौरान पक्षी की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी भी ऑनर की होती है.

पक्षी ले जाने वाले यात्री को पहले इसका फॉर्म भरना होता है. कितने पिंजरे हैं इसकी संख्या लिखना भी जरूरी है. फूड और वाटर देना भी ऑनर की जिम्मेदारी है लेकिन लगेज वैन में यात्री को अलाउ नहीं किया जाता. ऐसे में पिंजरा वहां रखते समय ही पक्षी के साथ में पर्याप्त फूड और वाटर रखना जरूरी है.

ट्रेन में ही एक्सटेंड करवा सकते हैं अपनी जर्नी

किसी वजह से यदि आपको अपने ओरिजिनल डेस्टिनेशन वाले स्टेशन की बुकिंग नहीं मिल पाई और आपने उसके पहले वाले स्टेशन की बुकिंग करवाई है तो तब भी आप अपने डेस्टिनेशन स्टेशन तक यात्रा कर सकते हैं. ऐसे में TTE के जरिए आप जर्नी को एक्सटेंड करवा सकते हैं. TTE एक्सट्रा फेयर लेकर आगे की जर्नी के लिए टिकट इश्यू कर देगा. आपको कोई नई बर्थ अलॉट कर दी जाएगी.

फुल रिफंड ले सकते हैं

लैंडस्लाइड, बाढ़, भूकंप या ऐसी ही कोई नेचुरल आपदा या टेक्नीकल प्रॉब्लम आ जाने के कारण ट्रेन की सर्विस बंद होती है तो पैसेंजर को रेलवे से फुल रिफंड का अधिकार है. ट्रेन जर्नी यदि पूरी नहीं होती और रेलवे कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं करता तब भी यात्री फुल रिफंड ले सकते हैं. ऐसे में पैसेंजर को स्टेशन मास्टर के पास अपनी टिकट सरेंडर करना होती है.

1 रू. भी कोई ज्यादा नहीं वसूल सकता

ट्रेन के इंजन में टॉयलेट नहीं होता. ऐसे में ट्रेन चलने के दौरान लोकोमोटिव पायलट (ड्राइवर) टॉयलेट नहीं जा सकते. यह बेसिक फेसिलिटी ड्राइवर को इसलिए नहीं दी जाती कि कहीं ट्रेन लेट न हो जाए. ट्रेन के रुकने पर ही ड्राइवर टॉयलेट जा पाते हैं. हालांकि कुछ स्पेशल इंजन में अब रेलवे इस सुविधा को शुरू करने की तैयारी में है.

रेलवे एक्ट 1989 के अनुसार IRCTC पैक्ड फूड और वाटर के लिए ऑथराइज्ड है. ट्रेन में किसी पैक्ड सामान पर MRP से एक रुपए भी ज्यादा नहीं वसूला जा सकता. यदि कोई वेंडर ऐसा करता है तो उसका लाइसेंस कैंसिल किया जा सकता है. ऐसे में यात्री रेलवे के टोल फ्री नंबर 1800111321 पर शिकायत भी कर सकते हैं

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