10 साल की भांजी से दो मामा करते थे रेप, नाबालिग ने दिय़ा था बच्ची को जन्म
Modran News
10 Oct.2017
चंडीगढ़.10 साल की बच्ची की नवजात बेटी का पिता उसका छोटा मामा शंकर है। शंकर और नवजात बच्ची का डीएनए मैच हो गया है। 10 साल की बच्ची से शंकर और बड़ा मामा कुल बहादुर दोनों ही रेप करते थे। पहले बच्ची ने सिर्फ कुल बहादुर का ही नाम लिया था, लेकिन उसका डीएनए नवजात बच्ची से मैच नहीं हुआ था। इसके बाद ही पता चला कि कोई और भी बच्ची से रेप कर रहा था। बाद में शंकर को इस आरोप में गिरफ्तार किया गया था। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पुलिस के पास डीएनए रिपोर्ट आ गई है, जिसमें शंकर और नवजात का डीएनए मैच हो गया है। डीएनए रिपोर्ट अभी कोर्ट में सब्मिट नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि पुलिस मंगलवार तक कोर्ट में यह रिपोर्ट फाइल कर देगी। 12 अक्टूबर तक पुलिस को इस केस की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भेजनी है।
पहले पुलिस ने इस मामले में बच्ची के बड़े मामा कुल बहादुर को गिरफ्तार किया था। उसका और नवजात बच्ची का डीएनए आपस में मैच न होने पर पुलिस ने दोबारा जांच शुरू की थी। रेप पीड़िता बच्ची की जब दोबारा काउंसलिंग की गई तो उसने छोटे मामा शंकर का नाम भी बता दिया। बच्ची ने बताया कि शंकर भी उसके साथ गलत काम करता था। पुलिस ने फिर शंकर को गिरफ्तार किया और कोर्ट की परमिशन के बाद उसका डीएनए सैंपल लिया जिसे सीएफएसएल में टेस्टिंग के लिए भेजा गया था। सीएफएसएल की रिपोर्ट पुलिस के पास पहुंच गई है।
दोनों मामा करते थे रेप
पुलिस जांच में पता चला था कि दोनों मामा बच्ची के साथ रेप करते थे। रेप की वजह से बच्ची प्रेग्नेंट हो गई और उसने एक बेटी को जन्म दिया था। पुलिस ने पिछले महीने शंकर को गिरफ्तार कर लिया था। शंकर से हुई प्राथमिक पूछताछ में खुलासा हुआ था कि वह पिछले साल नवंबर-दिसंबर से बच्ची के साथ रेप कर रहा था। उसका कहना था कि मार्च में उसने संबंध नहीं बनाए, लेकिन इसके बाद बड़ा भाई कुल बहादुर बच्ची से रेप करने लगा। कुल बहादुर और शंकर बखूबी जानते थे कि दोनों बच्ची से रेप कर रहे हैं।
फरार हो गया था शंकर...
केस में कुल बहादुर का नाम आते ही शंकर फरार हो गया था। जब कुल बहादुर को जेल भेजा गया तो शंकर वापस आ गया था। पुलिस मान रही है कि घर की रोजी-रोटी चलती रहे इस वजह से कुल बहादुर ने अपने भाई शंकर का नाम नहीं बताया होगा। करीब तीन महीने पहले ये गंभीर मामला सामने आया था। दस साल की बच्ची को पेट दर्द की शिकायत के बाद जब अस्पताल लाया गया तो पता चला कि वह प्रेग्नेंट है। बच्ची ने बताया कि उसका मामा कुल बहादुर ही उसके साथ गलत काम करता था। बच्ची की मां की शिकायत पर कुल बहादुर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बच्ची के घरवालों ने गर्भपात की गुहार लगाई थी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात की याचिका खारिज कर दी थी।
कुल बहादुर के खिलाफ शुरू हो चुका है ट्रायल
पहले गिरफ्तार हुए आरोपी कुल बहादुर के खिलाफ जिला अदालत में ट्रायल शुरू हो चुका है। पुलिस इस केस में कुल बहादुर के खिलाफ चालान पेश कर चुकी है। कुल बहादुर के खिलाफ चार्जेस भी फ्रेम हो गए थे और इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट की तर्ज पर हो रही थी। इतने में डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आई जिसमें कुल बहादुर के साथ नवजात का डीएनए मैच नहीं हुआ जिस कारण केस में नया मोड़ आ गया। अब पुलिस इस केस में सप्लीमेंट्री चालान पेश कर सकती है।
इस केस में अब तक...
- बच्ची ने कहा बड़ा मामा कुल बहादुर गलत काम करता था
- कुल बहादुर पर केस दर्ज, इधर कोर्टमें अबॉर्शन की याचिका
-हाईकोर्ट ने अबॉर्शन की इजाजत नहीं दी
-पेरेंट्स सुप्रीम कोर्ट गए, वहां भी नहींमिली अबॉर्शन की इजाजत
-बच्ची ने एक बेटी को जन्म दिया
-नवजात का डीएनए कुल बहादुर से मैच नहीं हुआ
-बच्ची की फिर काउंसिलिंग हुई, उसने बताया छोटा मामा शंकर भी करता था गलत काम
(कोर्ट की इजाजत लेकर पुलिस ने शंकर के सैंपल लिए, सीएफएसएल रिपोर्ट के मुताबिक डीएनए सैंपल मैच हो गए हैं)
0 टिप्पणियाँ