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चित को पिघलना होतो परहित में प्रवृत हो जाए- राकेश पुरोहित*

एक शाम माँ ज्वाला की भव्य भजन संध्या व हरीनाम संकीर्तन आयोजीत


*चित को पिघलना होतो  परहित में प्रवृत हो जाए- राकेश पुरोहित* 


मोदरान से जगमालसिंह राजपुरोहित की रिपोर्ट 


मोदरान न्यूज, 

जालोर जिले के  मोदरान में  जागरवालो के  चौहटे पर शनीवार को  रात्रि को  गौ कथा  व हरीनाम   संकीर्तन का आयोजन हुआ।

 कथा वाचक राकेश पुरोहित विकास अधिकारी पंचायत समिति आमेट ने कहा कि मनुष्य को अपने चित को पिघलाना हो तो परहित में प्रवृत   होना चाहिए।

 उन्होंने कहा कि रामचरित मानस कहती है परहित सरिस धर्म नहीं भाई परपीड़ा सम नहीं अधमाई।

जो निरस होगा वह भोग की ओर दौड़ता है। निरस वह व्यक्ति जिसके जीवन में पारित नहीं है। यदि व्यक्ति को सब कुछ प्रारब्ध वस मिलता तो कर्म क्यों करें। प्रारब्ध  से परिस्थितियां मिलती है अच्छे फल  नहीं मिलते। संसार का एक व्यक्ति भी अच्छा बनना तो संसार अच्छा बनता। परिस्थितियों का भोग करें या उपभोग करें व्यक्ति के स्वयं पर निर्भर करता है।जो काम हमें नहीं करने वो करना बंद कर दे तो काम करने के लिए जो सामर्थ्य चाहिए वो स्वतः मिल जाता है।लेकिन दोगलापन मनुष्य को आगे नहीं बढ़ने देता। गौ की अपेक्षा ही कलयुग है। व्यक्ति को गौ सेवा में सदारत रहना चाहिए।मेरी मांग वस्तु, व्यक्ति व परिस्थिति नहीं है।हम जानते तो सब है लेकिन मानते नहीं।राग व द्वेष हमें रोकता है। जो मुझे मिल रहा है मिलता रहे यही राग है।मेरे लिए अमंगल नहीं हो और दूसरे का अमंगल हो,यही द्वेष है।राग व द्वेष नहीं होगा तो वहां प्रेम होगा। कथा के दौरान कीर्तन श्री राम जय राम जय जय राम, मंगल भवन अमंगल हारी,  राम राम राम राम बोल,कृष्णा कृष्णा कृष्णा कृष्णा बोल, गोविंद गोविंद गोपाल, हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे,  हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, जय गौ माता जय गोपाल में श्रोता भाव विभोर हो जाए।


इस अवसर पर राकेश राजपुरोहित विकास अधिकारी,   दिनेश हिराणी,   प्रकाशसिंह इन्द्र सिंह,  जामतसिंह,  नैनसिंह,  राणसिंह, सरपंच गिरधारलाल,  पुखराज,  गुमानसिंह,  पेपसिंह,  भरतकुमार, महेन्दरसिंह,  दुर्गसिंह, जगमालसिंह राजपुरोहित  जागरवाल परिवार सहित काफी लोग सम्मलित हूए थे ।

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