राजस्थान की भाजपा की 70 टिकटें तय होने की नामों सहित फैल रही झूठी खबरों से तूफान मचा है।
जिनके नाम प्रचारित हो रहे हैं वे खंडन क्यों करें?उनको कोई हानि नहीं हो रही। जिन विधायकों जनता नहीं चाहती जहां नये चेहरे आएंगे लेकिन झूठ में उनके नाम हैं।
अभी तक कोई सीट तय नहीं है। जिनके नाम फैलाए जा रहे हैं,सीटें तय हो गयी तो चेहरों पर मुस्कान क्यों नहीं है?
* भाजपा के टिकटों पर निर्णय करने में कोई सिफारिश छूट चलने की उम्मीद नहीं है। कह सकते हैं कि निर्दयी फैसले होंगे। पुराने कदावर चेहरे भी कड़े नियमों के कारण सूचियों से वंचित रहेंगे।
* सभी से एक ही बात कही जाएगी कि कमल को जिताने में लगें। पार्टी के साथ रहें और पार्टी के लिए काम करें। अभी भी जो बैठकों के दौर हर आठ दस दिन में हो रहे हैं उनमें भी विधायकों,पूर्व विधायकों,जिलाध्यक्षों और पूर्व जिलाध्यक्षों से यही कहा जा रहा है। एक प्रकार से इन बैठकों में भी जानकारियां भी ली जाती रही हैं।
* भाजपा की राजस्थान की कोर कमेटी ( राजस्थान का संसदीय बोर्ड) और केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की दिल्ली में होने वाली बैठकों में विचार और निर्णय होंगे।
* * भाजपा की राजस्थान की कोर कमेटी ( राजस्थान का संसदीय बोर्ड) की बैठक दिल्ली में 30 सितंबर को होने की संभावना है। इसके बाद 1 अक्टूबर को केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक होने की संभावना है।
* इसके बाद अक्टूबर के मध्य तक पहली सूची जारी होने की संभावना है।
** नये चेहरे और एकदम फ्रेश चेहरे भी होंगे। जातियों वर्गों में वर्षो से तय होती सीटों पर इसबार बदलाव होने के संकेत आ रहे हैं। कुछ सीटों पर सांसदों को भी प्रत्याशी बनाया जा सकता है। प्रत्याशी घोषित होंगे तब धमाके से होंगे।
***** संघ का हर सीट पर दबाव है और उसकी रिपोर्ट भी रहेगी प्रमुख। राजनीतिक लोगों का झूठ नहीं चल पाएगा।संघ के कार्यकर्ताओं को भी चुनाव में उतारे जाने का दबाव है।
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