भारत में एक देश एक टैक्स लागू, PM-राष्ट्रपति ने बजाई घंटी
मोदरान न्यूज। गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) पर देशभर में 1 जुलाई से लागू होने जा रहा है। जीएसटी की लॉन्चिंग इवेंट सेंट्रल हॉल में शुरू हो गई है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सेंट्रल हॉल पहुंचे यहां उनका स्वागत नरेंद्र मोदी, सुमित्रा महाजन, अरुण जेटली ने किया।
भाजपा और देश की कई अहम पार्टियों (यूपीए को छोड़कर) के नेता इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने मौजूद हैं। सेंट्रल हॉल में राष्ट्रगान के बाद अरुण जेटली ने जीएसटी पर अपने भाषण में कहा कि ये देश के लिए ऐतिहासिक पल है।
एक राष्ट्र एक टैक्स हमारा उद्देश्य: अरुण जेटली
भारत के लिए नई यात्रा की शुरूआत: अरुण जेटली
जीएसटी अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि: अरुण जेटली
आज हम अहम देश की अहम यात्रा के लिए इकट्ठा हुए हैं: अरुण जेटली
केंद्र और राज्य मिलकर एक दिशा में काम करेंगे: अरुण जेटली
जीेएसटी से नए भारत का निर्माण होगा: अरुण जेटली

संविधान संशोधन के लिए मिला सहयोग: अरुण जेटली
प्रोफेसर दास गुप्ता से जीएसटी की पहली शिक्षा मिली: अरुण जेटली
जीएसटी से नए भारत का निर्माण होगा: अरुण जेटली
संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने योगदान लायक सुझाव दिए: अरुण जेटली
जीएसटी की प्रक्रिया 15 साल पहले शुरू हुई थी: अरुण जेटली
जीएसटी काउंसिल अब तक 18 बार मिल चुकी है जिसमें हर निर्णय सर्व-सम्मति से हुए हैं: अरुण जेटली
अरूण जेटली के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सदन को संबोधित किया

125 करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी: पीएम मोदी
आज वर्षों बाद एक नई अर्थव्यवस्था के लिए हम मौजूद: पीएम मोदी
जीएसटी एक लंबी विचार प्रक्रिया का नतीजा: पीएम मोदी
संविधान सभा की तरह जीेएसटी भी ऐतिहासिक: पीएम मोदी
यह संयोग है कि गीता के भी 18 अध्याय हैं और जीएसटी काउंसिल की भी 18 बैठके हुईं: पीएम मोदी
जीएसटी में गरीबों के लिए सारी सेवाएं बरकरार: पीएम मोदी
जीएसटी टीम इंडिया की शक्ति का परिचायक है: पीएम मोदी
जीएसटी संघीय ढांचे की मिसाल: पीएम मोदी
एक देश एक टैक्स का सपना साकार होगा: पीएम मोदी
जीएसटी से आर्थिक एकीकरण का काम होगा: पीएम मोदी

गौरतलब है कि जीएसटी देश में लगने वाले 17 तरह के टैक्स और 23 तरह के उपकर की जगह लेगा। जीएसटी ‘’एक देश-एक कर-एक बाजार’’ की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है। वैसे ये आजाद भारत के इतिहास में यह चौथा मौका होगा जब पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में मिडनाइट सेशन लगेगा। इससे पहले तीनों मौकों पर आजादी के जश्न के लिए आधी रात को संसद बुलाई गई थी। हालांकि, 70 साल में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी टैक्स रिफॉर्म के लिए आधी रात को संसद चलेगी।.
0 टिप्पणियाँ