*मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान के तहत विद्यार्थियों को लगाए टीके*
जगमालसिंह राजपुरोहित
मोदरान /जालोर ।
निकटवर्ती गाँव धानसा के सरस्वती विद्या मन्दिर उच्च प्राथमिक विद्यालय में बुधवार को मीजल्स रूबेला टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों के टीके लगाए गए।
इस दौरान डॉक्टर सुरेश बिश्नोई ने बताया कि 9 माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को यह टीका लगवाना चाहिए।
उन्होंने छात्र-छात्राओं को टीकाकरण में होने वाले लाभों के बारे में बताया कि टीका से खसरा, निमोनिया, दस्त के साथ गर्भावस्था के दौरान रूबेला संक्रमण के फल स्वरूप शिशु जन्मजात अनेक बीमारियों के साथ पैदा हो सकते हैं इसमें अन्धापन, बहरापन, कमजोर दिमाग, जन्मजात दिल की बीमारियों से इस टीके से बचाव किया जा सकता है।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक विक्रमसिंह राठौड़ ने बताया कि खसरा रूबेला का टीका एक बहुत सुरक्षित टीका है। इस टीके के जरिये खसरा रूबेला रोग से सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
खसरा एक जानलेवा और संक्रामक रोग है जो वायरस से फैलता है व बच्चों में असमय मृत्यु या विकलांगता का एक मुख्य कारण है। भारत में खसरा रोग के कारण प्रति वर्ष 50 हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है एवं गर्भवती महिलाओं में रूबेला रोग होने से जन्मजात रूबेला सिन्ड्रोम हो सकता है, जो गर्भ में पल रहे भ्रुण व नवजात शिशु के लिए बेहद गंभीर हो सकता है।
इससे गर्भपात, समय पूर्व प्रसव या मृत प्रसव की संभावनाएं बढ जाती है। इन सभी को रोकने के लिए सरकार द्वारा खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र धानसा की पूरी टीम द्वारा इस टीके का डोज बच्चों के सीधे हाथ के उपरी हिस्से में लगाया गया और बच्चे के बाएं हाथ के अंगूठे पर इंडेलेबल मार्कर से निशान लगाया गया। साथ ही बच्चों को टीकाकरण का कार्ड भी दिया गया। इस मौके पर चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी डॉ. सुरेश बिश्नोई, विद्यालय के प्रधानाध्यापक विक्रमसिंह राठाैड़, महावीर शर्मा, धनसिंह काबावत, मंगलाराम परमार, भैरूसिंह जैतावत, हरदानाराम, छगनाराम परमार, लाखाराम, कैलाश सुथार, निर्मला राठी, सहित विद्यालय एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के सभी स्टॉफ मौजुद थे।
0 टिप्पणियाँ