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पंचायती राज चुनाव के सम्बंध में 👇 राज्य सरकार ने 1 दिसम्बर 2019 व उनके बाद कुछ पंचायतों का नवसृजन/पुनर्गठन किया था।

पंचायती राज चुनाव के सम्बंध में  
                       👇
राज्य सरकार ने 1 दिसम्बर 2019 व उनके बाद कुछ पंचायतों का नवसृजन/पुनर्गठन किया था।

मोदरान न्यूज 
जगमालसिंह राजपुरोहित मोदरान 

हाइकोर्ट की डबल बेंच ने 1 दिसम्बर या उसके बाद नवगठित/पुनर्गठित पंचायतों को अवैध मानकर उक्त अधिसूचना को निरस्त कर दिया।
जिस कारण निर्वाचन विभाग ने सिर्फ 15 नवम्बर तक गठित पंचायतो का चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया।

उसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को हाइकोर्ट के आदेश पर स्टे करते हुए रोक लगा दी। जिसके परिणामस्वरूप, 1 दिसम्बर या बाद में नवसृजित/पुनर्गठित सभी पंचायते पुनः अस्तित्व में आ गई।

ऐसी स्तिथि में अगर किसी पंचायत समिति में एक भी पंचायत का नवसृजन/पुनर्गठन हुआ है तो प्रभावित पंचायत की जनंसख्या में परिवर्तन होगा। पंचायत में SC/ST का आरक्षण जनंसख्या के आधार पर होता है एवं लॉटरी में समिति की अन्य सभी पंचायतो की पर्ची डाली जाती है, उसी से ओबीसी या महिला सीट का आरक्षण तय होता है।


( नवसृजन का मतलब किसी नई पंचायत का बनाना है और पुनर्गठन मतलब किसी एक पंचायत से एक या ज्यादा राजस्व गांव को दूसरी पंचायत में जोड़ना है, जिससे, दोनों पंचायते पुनर्गठित कहलायेगी)

अब विधि की दृष्टि से सुप्रीम कोर्ट से इस प्रकरण में अंतिम निर्णय नही आने तक सरकार या निर्वाचन आयोग प्रभावित पंचायत समितियों की पंचायतों में चुनाव करवाने की स्तिथि में नही है। 

क्योंकि, अगर अब सुप्रीम कोर्ट के स्टे आदेश से अस्तित्व में आई नवसृजित/पुनर्गठित पंचायतों की वजह से सम्बंधित पूरी समिति की लॉटरी प्रिक्रिया वापिस करनी पड़ेगी। 

अब लॉटरी वापिस कर चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जाता है और कल को सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार के खिलाफ आता है तो वो 1 दिसम्बर या बाद में गठित पंचायते फिर से अस्तित्व में ही नही रहेगी तो उनके चुनाव कैसे हो सकते है।

क्योंकि अभी तक सिर्फ हाइकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से यह नही माना जा सकता है कि 1 दिसम्बर या बाद में गठित पंचायते अस्तित्व में रहेगी ही रहेगी।

इस प्रकार विधिक दृष्टि में सिर्फ उन पंचायत समितियों की ग्राम पंचायतों में सरपंच/पंच के चुनाव तय कार्यक्रम अनुसार करवाये जाएंगे जँहा एक भी पंचायत का नवसृजन/पुनर्गठन 1 दिसम्बर या बाद मे हैं

किसी पंचायत समिति में एक भी पंचायत का नवसृजन/पुनर्गठन 1 दिसम्बर या बाद में हुआ है, वँहा पर चुनाव सुप्रीम कोर्ट से अंतिम फैसला आने पर ही होने की संभावना है। उन सभी पंचायतो में 17 जनवरी, 22 जनवरी, 29 जनवरी जो भी तारीख है उस दिन से प्रशासक लगाये जा सकते है।

जँहा 17 जनवरी को चुनाव तय है, वँहा नॉमिनेशन फॉर्म को आगामी आदेश तक बन्द लिफाफे में रखने के आदेश हुए है, जिसका मतलब वँहा कोई भी चुनावी प्रिक्रिया नही की जाएगी। कुछ लोगो का मानना है कि चुनाव के बाद लिफाफे बन्द रहेंगे, ऐसा नही है। हालांकि 17 तारीख को तय चुनाव के सम्बंध में आज देर तक कोई आगामी आदेश/ दिशा निर्देश जारी होने की संभावना है। अभी इंतजार करें।

अब सुप्रीम कोर्ट में आगामी सुनवाई 24 फरवरी 2020 को तय है। एक ही रास्ता है कि निर्वाचन आयोग उपरोक्त स्तिथि को मध्यनजर रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की अर्जी लगवाकर अंतिम फैसला करने का निवेदन कर सकता है।

फिर भी 24 फरवरी से पहले फैसला नही हुआ तो आगे बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए ये चुनाव अप्रैल/मई में भी जा सकते है।

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