जालोर/आहोर। राजस्थान में जब से कांग्रेस सरकार आई है तब से सियासी गलियों में चर्चे विवादों में रहते हैं कभी कभी सरकार द्वारा चलाई गई परीक्षाओं के पेपर लीक हो जाते हैं तो कभी सरकार के मंत्री शासन व्यवस्था को नाती का बाड़ा बोल देते हैं यह सब तो आम बात है मगर इस बार एक और बात चर्चे में आई हुई है जिसने सरकार को और सरकारी शासन प्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
ऐसा ही मामला जालौर जिले के आहोर तहसील से देखने को सामने आ रहा है जिसमें विगत दो माह पहले एक एसडीएम के पीए को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था जसपाल सरकार के एक्शन लेते हुए एसडीएम को निलंबित कर दिया था और वह मामला आज भी न्यायालय के अधीन है और एसडीएम और उसका पीए जमानत पर बाहर आ गया हैं जबकि इसी कार्यालय में एक विकास अधिकारी का तबादला हुए दो महीने गुजर गए हैं लेकिन आज भी उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर लगी उपस्थिति पट्टिका बोर्ड में रिश्वतखोर एसडीएम और तबादला हुए विकास अधिकारी का नाम लिखा हुआ है।
एसडीएम कार्यालय में सहायक अभियंता द्वारा विकास अधिकारी का चार्ज संभाला हुआ है आज दिन तक उनके स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है इसी तरह रानीवाड़ा में विकास अधिकारी की पोस्ट खाली पड़ी है वहां पर भी कार्य सरनाउ के विकास अधिकारी के भरोसे चल रहा है ।
आहोर शहर के सशक्त नागरिकों ने सरकार को यह चेतावनी देते हुए कहां है कि अगर पिछले 24 घंटे में जिला प्रशासन द्वारा एसडीएम कार्यालय के बाहर लगी पट्टिका बोर्ड को नहीं हटाया तो वे खुद जाकर पट्टी पर कालीक लेप देंगे।
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