नवरात्र 21 सितम्बर से शुरू, इस समय करें घट स्थापना
मोदरान न्यूज
September 20, 2017
नवरात्री महोत्सव को लेकर मोदरान माताजी मंदिर मे तैयारी जोरो पर, कल से होगी घट स्थापना व विशेष पुजा अर्चना
गुरुवार से नवरात्री महोत्सव को लेकर मोदरान के श्री आशापुरी महोदरी माताजी मंदिर मे तैयारी जोर शोर से हो रही है
मंदिर परिचर पर साफ सफाई व रंग रबिरगी लाईटो व फुलो से सजावट किया जा रहा है
मोदरान माताजी मंदिर के पुजारी गोरखपुरी गोस्वामी ने मोदरान न्यूज को बताया कि हर वर्ष की भांति ईस वर्ष भी श्री आशापुरी महोदरी माताजी मंदिर मे नवरात्री महोत्सव पर माताजी मंदिर कि विशेष रुप से हार-फुलो व रंग बिरीगी रोशनी लाईटीग से सजावट किया जा रहा है साथ ही माताजी की नवरात्री महोत्सव पर नौ दिन तक विशेष पुजा अर्चना, आरती व सजावट के साथ नौ दिन सैकडो भक्तजनो की ओर से नौ दिन तक अखंडज्योति व दुर्गा सप्तमी पाठ का आयोजन किया जायेगा इस अवसर पर 28सितम्बर गुरुवार को दुर्गा अष्टमी को महायज्ञ पुर्णा आहुती व महाआरती का आयोजन किया जायेगा ईस बार 21सितम्बर को दोपहर विजय मुहर्त मे घट स्थापना माताजी स्थापना का भी आयोजन किया जायेगा
वही आशापुरी महोदरी माताजी मंदिर टस्ट्र कमेटी द्वारा मंदिर मे आने वाले दर्शनाअर्थीयो के लिए भोजन प्रसादी व रहने को लेकर सुविधाओ मे सुधार किया जा रहा है वही मंदिर परिचर को रंग रोगन व सजावट किया जा रहा है

सबसे महत्वपूर्ण माना जाने वाला त्यौहार नवरात्र इस वर्ष 21 सितम्बर से शुरू हो रहे है। इसके तहत माता पूजन के लिए कलश स्थापना के लिए शुभ मुहुर्त की जरुरत होती है।
21 सितंबर 2017 गुरुवार सुबह 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक शुभ का चौघड़िया है। इसमें घटस्थापना कर सकते हैं। उषाकाल में कलश स्थापना के अभिलाषी भक्तों को इस मुहूर्त में घटस्थापना कर लेनी चाहिए।
जो भी साधक अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना करना चाहते हैं, उनको दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 24 मिनट के बीच में घटस्थापना करनी होगी। इसका एक बड़ा कारण है कि इस दिन 12 बजे से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक लाभ का चौघड़िया भी है। जो लोग दुकानों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों में घटस्थापना करना चाहते हैं, उनके लिए भी लाभ के चौघड़िया में घटस्थापना करना उत्तम है।
गौरतलब है कि अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक है व लाभ का चौघड़िया 12 बजे से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक माना गया है इसलिए 12 बजे से 12 बजकर 24 मिनट का समय ऐसा है कि उसमें लाभ का चौघड़िया एवं अभिजीत मुहूर्त दोनों ही हैं। अत: यह सबसे महत्वपूर्ण व सबसे उत्तम चौघड़िया है।
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